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कानून की अनदेखी कर इसका कड़ाई से पालन न करवाना संविधान का अपमान है- राष्ट्रसंत श्री कमलमुनि जी

 


 
 मंदसौर। कानून की अनदेखी ओर अवहेलना करना कड़ाई से पालन न करवाना संविधान का अपमान करने के समान है।आज प्लास्टिक की थैली पर प्रतिबंध, धूम्रपान विधेयक, दारूबंदी तथा पशु क्रूरता एक्ट की प्रशासन की नाक के नीचे सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।
  मानो प्रशासन नाम की कोई चीज ही नहीं है। जंगलराज छाया हुआ है।कहीं जनता को कानून हाथ में लेने को मजबूर ना होना पड़े। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने गांधी चौराहा पर सर्व समाज मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। मुनिश्री ने कहा कि
 मंदसौर को पवित्र नगरी घोषित किया है। लेकिन कोर्ट परिसर में शराब व मांस की दुकानें लगी हुई है, जो हटना चाहिए।
आज धर्मनिरपेक्ष कानून का जनाजा निकाला जा रहा है। संतों का निकलना मुश्किल है, तो सामान्य जनता की सोचने मात्र से रोम- रोम कांप जाता है।
      राष्ट्र संत श्री ने कहा कि जब खुली मिठाई नहीं बेची जा सकती तो खुलेआम अंडा, मांस, मछली की दुकानें  जो शहर में खुली हुई है, यें प्रशासन के मुंह पर करारा तमाचा है।
  संतश्री ने स्पष्ट कहा कि अवैध क़त्ल खानों की भरमार है। इनका बगेर लाइसेंस संचालन किया जा रहा है।  अगर इन पर कार्रवाई नहीं की तो संत समाज खामोश नहीं बैठेगा। सरकारी नियम के अनुसार मीट की दुकान पर 21 कानून लागू होते हैं। वह मात्र शोभा के लिए नहीं है। सर्व समाज के कार्यक्रम में राजमल गर्ग, राजेंद्र अग्रवाल, हरिशंकर शर्मा, सत्येंद्र सोम, घनश्याम बरवाल, एम पी सिंह परिहार, कपिल भंडारी, सुनील बंसल,  अनिल संचेती, मनोहर नाहटा, विजय खटोड़, अजीत खटोड़, बलवंत कोठारी भी उपस्थित थे।



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