मध्य प्रदेश में ठंड का कहर जारी है ऐसे में उन लोगों की दिक्कत और बढ़ जाती है जिनकी माता धरती और पिता आसमान है हम बात कर रहे हैं ऐसे लोगों की जिनके सर पर छत नहीं होती है यह लोग दिनभर रोजी-रोटी की तलाश में घूमते हैं और रात में खुले आसमान के नीचे सो जाते हैं । सरकार द्वारा ऐसे लोगों के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है रैन बसेरा के नाम पर जो नगर निगम नगर पालिका परिषद नगर पंचायत परिषद एवं ग्राम पंचायतों को दिए जाते हैं मगर यह संस्थाएं उस पैसे का दुरुपयोग करती हैं सरकार द्वारा गरीबों को ठंड से बचाने के लिए एक और व्यवस्था के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए देती है वो है अलाव है यानी कि शासन द्वारा अलाव की लकड़ियों की व्यवस्था कराना मगर इसमें भी प्रशासन द्वारा आव्यवस्थाएं देखने को मिलती है । अब सवाल उठता है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार तो गरीबों के लिए व्यवस्थाएं करती हैं मगर प्रशासन इस ओर क्यों ध्यान नहीं देता है अभी प्रदेश में रात का तापमान 5 डिग्री तक पहुंच जाता है ऐसे में गरीब भगवान के भरोसे खुले आसमान के नीचे सोने को है मजबूर ।।।