घटना का विस्तृत सार
भोपाल के थाना गोविंदपुरा पुलिस ने एक सक्रिय वाहन चोरी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 13 दो-पहिया वाहन बरामद किए, जिनकी कुल कीमत लगभग 18 लाख रुपये है। यह कार्रवाई हाल ही में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत की गई, जिसमें सभी जिलों को अपराधियों की गहन जाँच और MAMS प्रणाली के आधार पर उनके मूवमेंट की निगरानी करने को कहा गया था।
MAMS पद्धति क्या है?
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M – Maintenance (अपराधियों की पृष्ठभूमि व इतिहास का रख-रखाव)
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A – Associates (सहयोगियों/साथियों की पहचान व निगरानी)
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M – Movement (आवागमन व गतिविधियों पर नज़र)
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S – Suspect (संदिग्ध व्यक्तियों की प्रोफाइल व निगरानी)
इसी प्रणाली का उपयोग करते हुए गोविंदपुरा पुलिस ने आरोपियों की गतिविधियों पर नज़र रखी और एक बड़ी चोरी श्रृंखला का खुलासा किया।
घटना कैसे सामने आई
10.11.2025 को फरियादी ऋतिक जैन ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बुलेट मोटरसाइकिल उनके घर के बाहर से चोरी हो गई है। इस पर अपराध क्रमांक 682/25, धारा 303 (2) BNS के तहत मामला दर्ज किया गया।
वाहन चोरी के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस की विशेष टीम ने सघन चेकिंग शुरू की। चेकिंग के दौरान बिना नंबर की एक बुलेट मोटरसाइकिल पकड़ी गई। दस्तावेज़ मांगने पर चालक कोई वैध कागज़ नहीं दिखा सका। इंजन-नंबर और चेसिस-नंबर की जाँच करने पर पता चला कि यह वही बाइक है जो ऋतिक जैन के मामले में चोरी हुई थी।
संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्त में लेकर पूछताछ की गई। उसने अपना नाम बसीम खान उर्फ समर खान बताया और वाहन चोरी के कई अन्य मामलों में भी शामिल होने की बात स्वीकार की।
गिरफ्तार आरोपी
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बसीम खान उर्फ समर खान, पिता स्व. अयूब खान, उम्र 35 वर्ष, निवासी सेक्टर सुंदर नगर, अशोका गार्डन, भोपाल
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आसिफ अली, पिता शाकिर अली, उम्र 23 वर्ष, निवासी गली नं. 2, लद्दाखपुरा, जहांगीराबाद, भोपाल
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सुलेमान खान, पिता मोह. इरफ़ान खान, उम्र 30 वर्ष, निवासी गली नं. 2, कुम्हारपुरा, बरखेड़ी, जहांगीराबाद, भोपाल
इन आरोपियों की निशानदेही पर कुल 13 चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की गईं।
कार्रवाई में प्रशंसनीय योगदान
थाना प्रभारी निरीक्षक अवधेश सिंह तोमर तथा उनकी टीम के कई सदस्यों—उनि गजराज जोगवाल, सउनि सचिन बेडरे, प्रआर संतोष मालवीय, दीपक मालवीय, धीरज राठौर, देवेंद्र चौबे, लखन तोमर, मकेश यादव, तथा अन्य पुलिसकर्मियों—ने संयुक्त प्रयास से इस कार्रवाई को सफल बनाया।
साइबर सेल और सिटी सर्विलांस टीम का विशेष सहयोग भी महत्वपूर्ण रहा।
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