जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट ने समस्त जनपदों के सीईओ सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित ग्रामों में जैसे ही पानी उतरता है ठीक वैसे ही सिल्ट निकालकर साफ-सफाई के का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से कराएं, उन्होंने प्रभावित ग्रामों में क्लोरीनेशन एवं ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव अनिवार्य रूप से कराए जाने के निर्देश दिए हैं समस्त बीएमओ एवं पीएचई के सहयोग से ग्रामवासियों को बीमारी की आशंका से देखते हुए स्वास्थ्य कैम्प आयोजित करने तथा 15वां वित्त आयोग की राशि से साफ-सफाई की उचित व्यवस्था, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के प्रबंध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे कर आवास प्लस की सूची में उनके नाम जिला कार्यालय को भिजवाने के निर्देश दिए हैं ताकि शासन को आवासों की मांग उपलब्ध कराने की प्रक्रिया क्रियान्वित की जा सके। अभी तक एक हजार 441 नागरिकों के द्वारा मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना देकर नाम दर्ज कराए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 233 संरचनाएं क्षतिग्रस्त होना बताया गया है जबकि 17 नल-जल योजनाएं बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई हैं जिन्हें दुरूस्त कराने के निर्देश व्हीसी के द्वारा दिए गए हैं।
गौरतलब हो कि सभी जनपदों में एक-एक कंट्रोल रूम भी संचालित किया जा रहा है, व्हीसी समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले के सातों जनपदों के 371 ग्राम अतिवृष्टि व बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, इन ग्रामों के 13165 नागरिकों को भोजन के प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। शत प्रतिशत 2084 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि 3879 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। आवास प्लस की सूची में 1441 के नाम दर्ज किए गए हैं। बाढ़ के कारण 233 तालाब स्टॉप डेम संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। क्षतिग्रस्त निर्माण संरचनाओं की अनुमानित लागत 375.85 लाख रूपए आंकलित की गई है।