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मध्य प्रदेश में बुजुर्गों की पेंशन पर विवाद तेज, कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप- जीतू पटवारी


मध्य प्रदेश में बुजुर्गों की पेंशन पर विवाद तेज, कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

जीतू पटवारी बोले – “55 लाख बुजुर्गों से विश्वासघात, सरकार खर्च बचाने के नाम पर हक छीन रही”

भोपाल। मध्य प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के मुद्दे पर राजनीतिक घमासान बढ़ गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राज्य में 55 लाख बुजुर्गों, दिव्यांगजन और विधवा महिलाओं की पेंशन महीनों से रोकी जा रही है, और सत्यापन अभियान के नाम पर 5.5 लाख लाभार्थियों को अपात्र घोषित कर दिया गया है।

पटवारी ने कहा कि सरकार “₹496 करोड़ बचाने के लिए गरीबों और कमजोर वर्गों से क्रूर विश्वासघात कर रही है,” जबकि दूसरी ओर “महँगी गाड़ियों, VIP सुविधाओं, इवेंट मैनेजमेंट और मंत्री आवासों के रेनोवेशन” पर भारी खर्च किया जा रहा है।


भाजपा पर वादाखिलाफी का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी वर्ष में वृद्धावस्था पेंशन ₹600 से बढ़ाकर ₹1000 करने की घोषणा की थी। कांग्रेस का कहना है कि सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस घोषणा को लागू करने से साफ मना कर दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह “सिर्फ चुनावी जुमला” था।

कांग्रेस ने याद दिलाया कि कमलनाथ सरकार ने पेंशन ₹300 से बढ़ाकर ₹600 की थी—लेकिन भाजपा सरकार ने इसे बढ़ाने के बजाय भुगतान भी रोक दिया।


55 लाख लाभार्थी प्रभावित, महीनों से भुगतान बंद

कांग्रेस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार—
• मध्य प्रदेश में 55.17 लाख लाभार्थी केवल ₹600 मासिक पेंशन पर निर्भर हैं।
• पेंशन बंद होने से लाखों परिवार “भटकने को मजबूर” हैं।
• पेंशन राशि को ₹1000 करने पर सरकार पर सिर्फ ₹200 करोड़ प्रतिमाह का अतिरिक्त भार आता है।

पटवारी ने कहा, “बुजुर्गों का पैसा कोई कृपा नहीं—मौलिक अधिकार है। भाजपा सरकार यह अधिकार छीन रही है।”


5.5 लाख अपात्र घोषित – कांग्रेस ने बताया ‘कट लिस्ट’ अभियान

जनवरी 2025 में समग्र पोर्टल आधारित सत्यापन अभियान के दौरान 5.5 लाख पेंशनधारकों को ‘लापता’ या ‘अपात्र’ घोषित कर दिया गया।
कांग्रेस के अनुसार मुख्य समस्याएँ हैं—
• कई बुजुर्ग अत्यधिक अशक्त, दस्तावेज़ जुटाना असंभव।
• ग्रामीण क्षेत्रों में सत्यापन टीमें नहीं पहुँचीं।
• बिना सुनवाई लाखों को सूची से हटाया गया।

पटवारी का आरोप है—
“यह सत्यापन नहीं, पेंशन कम करने की ‘कट लिस्ट’ है।”


“कर्ज लेकर मंत्री बंगले चमकाए जा रहे, लेकिन बुजुर्गों की पेंशन भारी लगती है” – पटवारी

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार हर वर्ष हजारों करोड़ का कर्ज ले रही है, लेकिन वह पैसा कल्याणकारी योजनाओं के बजाय “VIP सुख-सुविधाओं और प्रचार” में खर्च हो रहा है।

पटवारी ने कहा,
“55 लाख बुजुर्गों की ₹600 पेंशन बढ़ाना सरकार को महँगा लगता है, पर मंत्री गाड़ियों और आलीशान मरम्मत पर कोई रोक नहीं।”


कांग्रेस की तीन प्रमुख मांगें

  1. ₹1000 पेंशन तत्काल लागू की जाए
    – शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुसार लाभार्थियों को तुरंत भुगतान किया जाए।

  2. 5.5 लाख अपात्र घोषित करने की कार्रवाई रोकी जाए
    – कठोर सत्यापन अभियान पर तत्काल रोक और सभी मामलों की पुन:जाँच।

  3. पेंशन को ₹1500 किया जाए
    – सामाजिक न्याय विभाग की सिफारिश के अनुसार वास्तविक वृद्धि लागू की जाए।


कांग्रेस का चेतावनी—“सड़कों पर उतरेंगे”

पटवारी ने कहा कि यदि सरकार ने पेंशन बहाल कर वृद्धि लागू नहीं की, तो कांग्रेस प्रदेशभर में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करेगी।
“55 लाख बुजुर्गों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

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