नई दिल्ली | 15 दिसंबर 2025
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में खनन परियोजनाओं के नाम पर संविधान, पर्यावरण और आदिवासी अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने बड़ा हमला बोला है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की तथ्य अन्वेषण समिति ने आदिवासी प्रतिनिधियों के साथ आज नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर सरकार और कॉर्पोरेट गठजोड़ पर गंभीर आरोप लगाए।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि सिंगरौली में संविधान की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पर्यावरण, वन एवं आदिवासी कानूनों का लगातार उल्लंघन हो रहा है। कांग्रेस इस मुद्दे पर सड़क से लेकर सदन और अदालत तक संघर्ष करेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में 1.5 करोड़ से अधिक आदिवासी रहते हैं, लेकिन उनकी जमीनें खनन माफियाओं को सौंपी जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले चार वर्षों में सरकार ने 1.30 लाख हेक्टेयर से अधिक आदिवासी भूमि बेच दी और 5,000 से ज्यादा खदानें नियमों को ताक पर रखकर आवंटित कर दी गईं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने केंद्र सरकार पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री “एक पेड़ माँ के नाम” की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर अडानी समूह को खनन के लिए जंगलों की कटाई की खुली छूट दी जा रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या कॉर्पोरेट मुनाफा ही अब सरकार की एकमात्र नीति रह गई है?
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सिंगरौली दौरे के दौरान तथ्य अन्वेषण समिति को प्रशासन और पुलिस ने रोकने की कोशिश की, जो सच्चाई छिपाने का प्रयास है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि यह मामला केवल सिंगरौली या मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संविधान, पर्यावरण संरक्षण और आदिवासी अधिकारों से जुड़ा राष्ट्रीय मुद्दा है।
कांग्रेस ने दो टूक कहा कि वह आदिवासी समाज, जंगल और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी।



