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भोपाल के महर्षि विद्या मंदिर रतनपुर में छात्रों का निलंबन विवादों में; अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को दी शिकायत, मान्यता समाप्त करने की मांग तेज



वार्षिक महोत्सव में भाग न लेने पर तीन छात्रों सहित कई बच्चों को 15 दिन का निलंबन, स्कूल पर मनमानी, मानसिक उत्पीड़न और अत्यधिक दंड देने के आरोप।


समाचार विवरण:

भोपाल। राजधानी के रतनपुर स्थित महर्षि विद्या मंदिर एक बार फिर विवादों में आ गया है। अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) भोपाल को लिखित आवेदन देकर आरोप लगाया है कि विद्यालय प्रबंधन ने वार्षिक महोत्सव में भाग नहीं लेने पर तीन छात्रों—खुशी चौहान (कक्षा 12वीं), तनु चौहान (कक्षा 11वीं) और श्याम चौहान (कक्षा 8वीं)—को बिना किसी वैधानिक कारण के 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया। इसके अलावा, कई अन्य छात्रों को भी चेतावनी और दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।

अभिभावकों का कहना है कि यह कदम न केवल अवैधानिक है, बल्कि यह बच्चों के Right to Education Act, 2009 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का खुला उल्लंघन है। शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि बीते एक वर्ष के भीतर विद्यालय के खिलाफ तीन से अधिक गंभीर शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी हैं, जिनमें विद्यार्थियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव, कठोर दंड, अभिभावकों के साथ अभद्रता तथा मनमानी प्रशासनिक निर्णय शामिल हैं।

अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय प्रबंधन अनुशासन के नाम पर बच्चों के साथ "दमनकारी रवैया" अपनाता है, जो शिक्षा विभाग के मानकों तथा बाल संरक्षण संबंधी कानूनों के विपरीत है।


अभिभावकों की मांगें:

जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपे गए आवेदन में अभिभावकों ने पाँच प्रमुख मांगें रखी हैं—

  1. निलंबन आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।

  2. विद्यालय प्राचार्य एवं संबंधित शिक्षकों से लिखित स्पष्टीकरण लिया जाए।

  3. पिछले वर्ष की सभी शिकायतों को ध्यान में रखते हुए विद्यालय के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

  4. बार–बार नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर विद्यालय की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई शुरू की जाए।

  5. जांच रिपोर्ट और विभागीय कार्रवाई की प्रमाणित प्रतियां अभिभावकों को उपलब्ध कराई जाएं।


कई वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई प्रतिलिपि

अभिभावकों ने इस शिकायत की प्रतिलिपि राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, कलेक्टर भोपाल, लोक शिक्षण आयुक्त, महिला आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग और थाना मिसरोद सहित कुल नौ अधिकारियों को भेजी है।


विद्यालय प्रबंधन की प्रतिक्रिया

समाचार लिखे जाने तक विद्यालय प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। जिला शिक्षा विभाग ने आवेदन प्राप्त होने की पुष्टि की है और मामले की प्रारंभिक जांच जल्द शुरू किए जाने की बात कही है।


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