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मंडीदीप नगर में फिर गहराया जल संकट रहवासियों को मिल रहा 4 दिन में पानी

 

 औद्योगिक नगरी मंडीदीप में दो लाख से ज्यादा की आबादी है और यहां पर हर गर्मी में जल संकट होता है नगर पालिका हर संभव कोशिश करती है कि वह रहवासियों के यहां पर्याप्त पानी पहुंचा सके इसके लिए हर साल 3 महीने टैंकरों से हर वार्ड में पानी पहुंचाती है करोड़ों का भुगतान करके । और साल भर ही जल योजना के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करती है कभी दाहोद डेम से मंडीदीप पानी लाने के लिऐ पाइप लाइन बिछाने पर या फिर वार्डों में बड़ी बड़ी टंकिया समवेल बनाने पर । मगर कभी किसी ने सोचा है कि हर साल जल संकट आने का मुख्य कारण क्या है वह है हमारे यहां की नदियों का सूखना बेतवा और कलियासोत जो वर्षों से इस नगर की प्यास बुझा रही थी । मगर पिछले 20 सालों में इन नदियों का अस्तित्व ही खत्म हो गया जहां किसान इन नदियों से अपने खेतों की सिंचाई करता था वही नदियों के आस-पास के गांव वाले इन नदियों के जल से अपनी प्यास बुझाते थे । मगर नगर में बढ़ते कारखाने और आबादी के चलते इन दोनों नदियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा और धीरे-धीरे करके यह नदियां सूखने लगी बेतवा और कलियासोत के दोनों तरफ दर्जनों वेयरहाउस और सैकड़ों कालोनियां अवैध रूप से बन गई जिनका दूषित पानी इन नदियों में जाने लगा जिससे जल जीवो का अस्तित्व ही खत्म हो गया नदी किनारे पेड़ों पर हजारों पक्षियों अपना घोंसला बनाकर रहते थे मगर इंसान ने अपनी जरूरतों के लिए उन पेड़ों को काट दिया । अब सवाल उठता है प्रशासन पर की नदियों के आस पास अतिक्रमण कैसे होने दिया बड़े-बड़े वेयरहाउसो और कॉलोनियों ने नदियों का रास्ता रोक दिया जिससे हर साल बरसात नगर के लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है। प्रशासन बड़े-बड़े दावे करता है कि इस साल हम नदियों का गहरीकरण और चौड़ीकरण करेंगे मगर जिम्मेदारों की लापरवाही से यह काम नहीं हो पाता है और देखते ही देखते बरसात आ जाती है और नगर के लोगों को बाढ़ का खतरा सताने लगता है । ऐसे में जिले के बड़े अधिकारियों पर सवाल उठता है कि जनता का पैसे का दुरुपयोग होते हुए कैसे देख सकते हैं गर्मी आई तो नगर पालिका को करोड़ों का पानी खरीद कर जनता को देना पड़ता है और बरसात में बाढ़ पीड़ितों को करोड़ों का मुआवजा देना पड़ता है । नगर की सारी समस्या का समाधान निकल सकता है अगर इन दो नदियों का अस्तित्व वापस लाया जाए इनके दोनों तरफ अतिक्रमण को हटाया जाए और एनजीटी की गाइडलाइन का पालन किया जाए। तभी इस नगर में गर्मियों में जल संकट और बरसात में बाढ़ से बचा जा सकता है । क्योंकि हम पिछले कुछ सालों से देख रहे हैं कि मंडीदीप नगर में राजनीतिक दखल होने के कारण जिले के बड़े अधिकारी इस और देखना पसंद भी नहीं करते हैं इस कारण यह नगर नरक की ओर जा रहा है ।।।

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