
राहुल गांधी अगर मानहानि के फ़ैसले के खिलाफ अपील में न भी जाएं तो कांग्रेस के लिए, और खुद राहुल गांधी के लिए ज़्यादा बेहतर होगा। क्योंकि राहुल गांधी के राजनीतिक जीवन का यह सबसे बड़ा अवसर है जिसमें वे दुगनी- चौगुनी ताक़त के साथ फिर सामने आ सकते हैं। भाजपा इस मामले में कितना ही एग्रेशन दिखाए, फ़ायदा जितना भी होना है, कांग्रेस को ही होना है। वैसे भी भाजपा को अपनी राजनीति चमकाने या चमकाए रखने के लिए उसके सामने एक राहुल गांधी का होना बेहद ज़रूरी है।
अभी तक तो यही होता रहा है। अब तक भाजपा नेताओं के तमाम भाषण कांग्रेस और राहुल गांधी के इर्द- गिर्द ही रहे हैं। जब राहुल सजा काट रहे होंगे तो कोसने के लिए भाजपा के पास बचेगा क्या ?