बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो गई है ऐसे में विद्यार्थियों के साथ-साथ परिजनों पर भी पड़ा तनाव होता है कि वह कैसे अपने बच्चों को अच्छा माहौल दे । यह समस्या ज्यादातर मिडिल क्लास परिवार के लोगों को होती है क्योंकि परिवार बड़ा होता है और उसमें बच्चो को पढ़ाई के लिए अलग से कमरा देना मुश्किल होता है । तो ज्यादातर विद्यार्थी कोचिंग का सहारा लेते हैं मगर यहां पर भी विद्यार्थियों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है घर से लेकर कोचिंग तक रास्ते में आवारा तत्व के लड़के छात्राओं को छेड़ते हैं गंदे गंदे कमेंट करते हैं । प्रशासन द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं कि विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए वह हर कदम उठाएंगे मगर धरातल पर ऐसा कुछ नहीं होता है । यही हाल जब छात्राएं परीक्षा देने के लिए जाती है तो वहां पर भी यह लोफर इनके भविष्य के बीच में रोड़ा बनते हैं अब सवाल उठता है पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर की परीक्षाओं के समय इन आवारा तत्व के लोफ के लिए कोई विशेष अभियान क्यों नहीं चलाती है । अभी परीक्षा शुरू हुई है अभी भी अगर पुलिस सख्त हो जाए तो ना जाने कितनी छात्राओं का भविष्य अंधकार में जाने से बच सकता है । और साल भर की मेहनत पर पानी फिरने से भी साथ ही परिजन साल भर एक-एक पैसा बचाकर कैसे अपने बच्चों को पढ़ाते हैं यह सिर्फ वही जानते हैं । पुलिस की थोड़ी सख्ती से यह सब संभव हो सकता है ।
बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं ऐसे में विद्यार्थियों के साथ-साथ परिजन भी मानसिक तनाव में रहते हैं
March 02, 2023
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बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो गई है ऐसे में विद्यार्थियों के साथ-साथ परिजनों पर भी पड़ा तनाव होता है कि वह कैसे अपने बच्चों को अच्छा माहौल दे । यह समस्या ज्यादातर मिडिल क्लास परिवार के लोगों को होती है क्योंकि परिवार बड़ा होता है और उसमें बच्चो को पढ़ाई के लिए अलग से कमरा देना मुश्किल होता है । तो ज्यादातर विद्यार्थी कोचिंग का सहारा लेते हैं मगर यहां पर भी विद्यार्थियों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है घर से लेकर कोचिंग तक रास्ते में आवारा तत्व के लड़के छात्राओं को छेड़ते हैं गंदे गंदे कमेंट करते हैं । प्रशासन द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं कि विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए वह हर कदम उठाएंगे मगर धरातल पर ऐसा कुछ नहीं होता है । यही हाल जब छात्राएं परीक्षा देने के लिए जाती है तो वहां पर भी यह लोफर इनके भविष्य के बीच में रोड़ा बनते हैं अब सवाल उठता है पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर की परीक्षाओं के समय इन आवारा तत्व के लोफ के लिए कोई विशेष अभियान क्यों नहीं चलाती है । अभी परीक्षा शुरू हुई है अभी भी अगर पुलिस सख्त हो जाए तो ना जाने कितनी छात्राओं का भविष्य अंधकार में जाने से बच सकता है । और साल भर की मेहनत पर पानी फिरने से भी साथ ही परिजन साल भर एक-एक पैसा बचाकर कैसे अपने बच्चों को पढ़ाते हैं यह सिर्फ वही जानते हैं । पुलिस की थोड़ी सख्ती से यह सब संभव हो सकता है ।
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