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जिम्मेदारों की अनदेखी से नगर बना कचरा घर जहां देखो वहां सिर्फ फैला है अतिक्रमण गोवंशो की बढ़ती तादाद से रहवासी असुरक्षित।


 औद्योगिक नगरी मंडीदीप इन दिनों अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है यह हम इसलिए कह रहे हैं कि नगर में जहां देखो वहां अतिक्रमण फैला हुआ है जिसका सबसे ज्यादा असर वार्ड नंबर 11 इंदिरा नगर में देखने को मिलता है । यहां दुकानदारों ने 20 फिट तक अपने सामने अतिक्रमण कर रखा है चौड़ी सड़कें गलियों में बदल गई है जहां से एक समय में चार ट्रक एक साथ निकल जाते थे वहां से आज मोटरसाइकिल का निकलना मुश्किल हो रहा है । और यह सब नगर पालिका में बैठे जिम्मेदारों की बदौलत हो रहा है इनको इस अतिक्रमण से मोटी कमाई होती है हर दुकानदार महीने के हजारों रुपए नगर पालिका में बैठे जिम्मेदारों को देते हैं वह भी इस बात का कि आप हमारी दुकान तरफ नहीं देखेंगे और हमारे जिम्मेदार अधिकारी भी दुकानदारों की बात मान लेते हैं । सरकार इन अधिकारियों को मोटी रकम तनख्वा के रूप में देती है मगर इनका पेट ऊपर की कमाई से भरता है इन्हें बिल्कुल परवाह नहीं है कि हमारी छोटी सी लापरवाही नगर को कचरा घर बना रही है । नगर पालिका में 10 कर्मचारी और दो अधिकारी अतिक्रमण विभाग में है जो मुफ्त की रोटी तोड़ रहे हैं और सरकार इन्हें बैठे की तनख्वाह दे रही है जब यह लोग अतिक्रमण हटा नहीं सकते हैं तो फिर इनका नगर पालिका में क्या काम । फिर क्यों जनता की गाढ़ी कमाई इन जैसे मुफ्त खोरो पर लुटाई जा रही है एक और समस्या जो पिछले 1 वर्ष से नासूर की तरह हो गई है जिसका इलाज अब नगर पालिका के पास भी नहीं है वह है नगर में बढ़ते गोवंशो की संख्या । जहां देखो वहां गली मोहल्ला चौराहे पर सांडों के झुंड ही झुंड दिखाई देते हैं आए दिन यह बच्चे बुजुर्ग एवं महिलाओं घायल कर देते हैं वही लड़ते-लड़ते यह सांड दो पहिया वाहन और चार पहिया वाहनों को भी नुकसान पहुंचाते हैं कई बार लोगों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी इसकी शिकायत की मगर वहां से भी कोई राहत नहीं मिली । अब लगता है कि जब तक प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया हुआ है रह वासियों को इन सांडो से खुद ही बचना पड़ेगा। नगर को कचरा घर बनाने में यहां के जनप्रतिनिधियों का भी पूरा पूरा हाथ है जिन दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है वह किसी ना किसी पार्टी से जुड़े हुए हैं इसलिए नगरपालिका अधिकारी भी उस तरफ देखने से डरते हैं कहीं ऐसा ना हो कि हम अतिक्रमण हटाए और राजनीतिक दबाव के चलते हमारा ट्रांसफर हो जाए इसलिए नगर में जो हो रहा है होने दें हम तो कंबल ओढ़ के घी पिए ।

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